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कृष्णा पटेल ने सीनेट-सिंडिकेट सदस्यों का मनोनयन को लेकर सीएम से लगाई गुहार ।

पटना। विगत 15 वर्षों से मुख्यमंत्री में आस्था और विश्वास रखने वाले छात्र जनता दल यूनाइटेड बिहार प्रदेश के उपाध्यक्ष कृष्णा पटेल ने पार्टी के सर्वमान्य नेता व राष्ट्रीय अध्यक्ष बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में सीनेट और सिंडिकेट सदस्यों के मनोनयन प्रक्रिया में तेजी प्रदान कर जल्द बहाल करने के लिए पत्र लिखकर ईमेल के माध्यम से गुहार लगाया है।
पटेल ने बताया कि बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में सीनेट और सिंडिकेट सदस्यों का मनोनयन होना समय की मांग है। क्योंकि लगभग सभी विश्वविद्यालयों के सीनेट और सिंडीकेट सदस्यों की कार्यावधि बहुत पहले ही पुरी हो चुकी है और कुछ लोग दल बदलकर दुसरे दल में भी चले गए हैं। जिसके कारण बिहार सरकार की छात्र कल्याणकारी विभिन्न योजनाएं और विश्वविद्यालय व महाविद्यालय स्तर पर छात्रहित में उठाई जाने वाली वार्षिक योजनाओं में शामिल कक्षा, परीक्षा और परीक्षाफल सहित यूजी से लेकर पीजी और पीएचडी की शैक्षणिक सत्र में सुधार के साथ – साथ कौशल विकास, भाषा विकास, शारीरिक एवं मानसिक विकास हेतु कला – संस्कृति एवं खेलकूद, एनसीसी , एनएसएस और वाद-विवाद आदि जैसे प्रतियोगिताओं में रुचि रखने वाले  छात्र-छात्राओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रही है और मनमानी तरिके विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र-छात्राओं की हकमारी कर रहे हैं।  इसलिए छात्रों को प्रतिनिधित्व करने वाले जब छात्र प्रतिनिधि विश्वविद्यालय के सीनेट- सिंडिकेट में सदस्य के रूप में मौजूद होंगे तब छात्रों की आवाज बनकर छात्र-छात्राओं से जुड़ी विभिन्न विषयों को रखेंगे। जिसके कारण शैक्षणिक व सांस्कृतिक सत्र में निश्चित तौर पर सुधार देखने को मिलेगी।  आज स्थिति ऐसी है कि सभी विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र बहुत पिछड़ा हुआ है और स्नातक व स्नातकोत्तर से लेकर पीएचडी तक समयावधि के अंदर नहीं हो पा रही है जो बेहद दुखद है। वहीं शोधार्थियों को शोध कार्य के लिए राज्य सरकार द्वारा मिलने वाली 15000 रुपए प्रति माह राशि का अभी तक कोई अता-पता नहीं चल पाया जो विश्वविद्यालय प्रशासन की सबसे बड़ी कमी को उजागर कर रही है। इसलिए मैं एक सेवक होने के नाते विनम्रतापूर्वक माननीय मुख्यमंत्री महोदय से आग्रह कर रहा हूं कि बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में सीनेट – सिंडिकेट सदस्यों का मनोनयन प्रक्रिया को पूरा कर लागू करें ताकि छात्र-छात्राओं की समस्याओं का निराकरण त्वरित रूप से संभव हो सके।
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