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बायोग्राफी “राही का सफ़रनामा” का विमोचन

 अलीगढ़ 1 जनवरी रजनी रावत।नूतन वर्ष की पावन बेला पर अलीगढ़ महानगर के जाने-माने प्रख्यात कवि एवं साहित्यकार अमर सिंह राही के 80 वें जन्म दिवस पर उनकी बायोग्राफी पुस्तक “राही का सफ़रनामा एक आत्मकथा” का विमोचन मा. विवेक बंसल पूर्व विधायक एवं राष्ट्रीय सचिव राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के कर-कमलों द्वारा उनके मैरिस रोड स्थित “अयोध्या कुटी” आवास पर सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि विवेक बंसल ने कहा कि हालांकि मैंने अभी पूर्ण पुस्तक का अध्ययन नहीं किया हैं, लेकिन प्रसंगों के शीर्षक पढ़कर स्वयं परिलक्षित है कि राही साहब ने झोंपड़ी से लेकर “गीत महल” तक की अपनी जीवन- यात्रा का उल्लेख जो अपनी पुस्तक “राही का सफ़रनामा” में किया है वो वास्तव में मनुष्य को जीवन जीने की कला सिखाता है। मैं उनकी इस पुस्तक के लिए अपनी मंगल कामनाएँ प्रेषित करता हूँ तथा उनके स्वस्थ्य जीवन की कामना करता हूँ कि वे इसी प्रकार अपने उत्कृष्ट साहित्य-सृजन से समाज व देश को लाभान्वित करते रहें।
इसी क्रम में गीतकार डॉ॰ अवनीश राही ने कहा कि “राही का सफरनामा” के लेखक अमर सिंह राही मेरे पिता होने के साथ-साथ मेरे प्रथम गुरु व एक अच्छे मित्र भी हैं। उन्होंने “राही का सफ़रनामा एक आत्मकथा” का सजृन मेरे अनुरोध पर ही किया है, जिसे लिखने में लगभग एक वर्ष का समय लगा है। “राही का सफरनामा” में अनेकों प्रसंग व स्मृतियां ऐसी हैं जिन्हें पढ़कर बरबस ही आँखें नम हो जाती हैं। सच तो ये है कि उन्होंने बिना किसी हिचक और लाग-लपेट के अपने मुफ़लिस भरे दिनों के उन तमाम अनछुए पहलुओं को इतनी सत्यता से उजागर किया है कि जिन पर वर्तमान के कवि व कलमकार परदा डालते नजर आते हैं।
बायोग्राफी पुस्तक राही का सफरनामा के रचयिता अमर सिंह राही ने कहा कि आत्मकथा लिखने का मेरा उद्देश्य यही है कि नये लेखक ये समझ सकें किकोई भी काम इन्सान के साहस से, बड़ा नहीं।
      वही हारा है इस ज़िन्दगी में, जो लडा नहीं।।
  “शायरन प्रकाशन नई दिल्ली” से प्रकाशित लगभग 300 पृष्ठों की यह बायोग्राफी पुस्तक फ्लिपकार्ट व अमेज़न पर भी उपलब्ध है। इस अवसर पर नवनीत कुमार, महेश गर्ग, सुनील कुमार जाटव, पिंकी देवी, जितेन्द्र कुमार तोशी,  सतेन्द्र कुमार आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
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