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ए .आई. द्वारा डिजाइन किए गए सूक्ष्म पदार्थ के प्रयोग से आर्सेनिक मुक्त जल शोधन सम्भव: डॉ. सुशांत

पटना, 19 अक्‍टूबर :

टी. पी. एस. कॉलेज, पटना के रसायन विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन का तीसरा और अंतिम दिन आज सम्पन्न हुआ । इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में देश-विदेश के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं की उपस्थिति रही ।

अंतिम दिन के पहले सत्र में न्यु जर्सी अमेरिका के वैज्ञानिक डॉ. सुशांत कुमार सिंह ने ऑनलाइन माध्यम से  शोध पत्र प्रस्तुत करते हुए बताया कि AI द्वारा डिज़ाइन किए गए नैनोमैटेरियल्स आर्सेनिक  जैसे जहरीले पदार्थ को प्रभावी ढंग से हटा सकते हैं और जल संसाधनों को सुरक्षित बना सकते हैं । इस अध्ययन से यह भी पता चलता है कि Gen AI सस्टेनेबल नैनोमैटेरियल डिज़ाइनिंग में एक शक्तिशाली टूल हो सकता है जो आर्सेनिक रिमेडिएशन जैसी पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकता है ।

 इसके उपरांत उच्च शिक्षा, बिहार की निदेशिका डॉ. रेखा कुमारी ने  अपने शोधपत्र  के माध्यम से बेल फल के अत्यंत सूक्ष्म पाउडर के विभिन्न चिकित्सकीय उपयोगों से अवगत कराया । केंद्रीय भूजल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक ने बिहार के भूजल की स्थिति और इसके अंधाधुंध दोहन से उत्पन्न समस्याओं से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से लोगों को अवगत कराया ।

साथ ही सहायक प्रोफेसर डॉ. अमरेंद्र डी. द्विवेदी ने  अपने शोध पत्र से जल प्रबंधन में नवीन सामग्रियों की उपयोगिता से परिचित कराया जो पर्यावरण स्थिरता के लिए आवश्यक है ।

सम्मेलन के समापन समारोह में महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रोफेसर उपेंद्र प्रसाद सिंह ने सम्मेलन की सफलता पर सभी को बधाई देते हुए सभी विभागों से इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की अपील की । मुख्य अतिथि  प्रोफेसर एच. सी. वर्मा  ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आपके द्वारा मिले सम्मान  का मैं आभारी हूँ । यह शायद मेरे पिछले जन्मों के कार्यों का प्रतिफल है । मैं इस जीवन में कुछ अच्छा करने की कोशिश कर रहा हूँ ताकि आगे भी  कुछ अच्छा अनुभव हो. विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर बिहारी सिंह ने महाविद्यालय की प्रगति पर शुभकामनाएं दी और कहा कि सभी स्पीकर बहुत ज्यादा प्रतिभावान थे जिनसे बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला । प्रोफेसर हांग की सुन ने कहा कि मैं बिहार की संस्कृति से परिचित होकर अभिभूत हूँ ।

इस अवसर पर सम्मेलन की संयोजक डॉ. शशि प्रभा दुबे ने कहा कि यह सम्मेलन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और युवा वैज्ञानिकों को अपने विचारों को साझा करने का मौका प्रदान करेगा । इस सेमिनार में लगभग सौ से अधिक ओरल प्रस्तुति और 50 से अधिक पोस्टर प्रदर्शित किए गए । सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए गए और शोधकर्ताओं में सर्वोत्तम शोध पत्रों को पुरस्कार भी प्रदान किए गए । इस सेमिनार में विभिन्न पर्यावरण संरक्षण के विषयों पर शोधकर्ताओं द्वारा पोस्टर प्रदर्शनी भी लगाई गई । उनमें भी सर्वोत्तम पोस्टर को पुरस्कृत किया गया । प्रो. संतोष कुमार ने महाविद्यालय के प्रबंधन क्षमता की तारीफ करते हुए इस सेमिनार के सफल आयोजन के लिए प्राचार्य उपेन्द्र प्रसाद सिंह के महाविद्यालय के प्रति भावनात्मक लगाव की प्रशंसा की ।

प्रो. आशुतोष कुमार ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन की तारीफ़ करते हुए कहा कि यहां का सारा प्रबंधन अपेक्षाओं से कहीं अधिक बेहतर रहा ।

उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष और मीडिया प्रभारी डॉ. अबू बकर रिजवी ने सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि डॉ. शशि प्रभा दुबे के प्रबंधन क्षमता की तारीफ करते हुए शोधकर्ताओं के कार्यों की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि यह यकीनन आगे आने वाले पीढियों को राह दिखाएगी । सम्मेलन की सफलता पर बधाई दी । उन्होंने मीडिया के साथियों की प्रशंसा करते हुए इसके बेहतरीन  कवरेज के लिए आभार प्रकट किया ।

इस शैक्षणिक समागम में  प्रो. हांग की सुन, प्रोफेसर एच. सी. वर्मा, प्रोफेसर रामचंद्र भारती, डॉ. सुरेश कुमार, डॉ. रीता कुमारी, प्रो. ए. के. घोष, प्रो. राम जे. चौधरी, प्रो. अजय कुमार कुशवाहा, प्रो. अरुण कुमार सिन्हा, प्रो. रंजीत कुमार वर्मा, प्रो. राम कुमार, प्रो. बिहारी सिंह, प्रो. आशुतोष कुमार मिश्रा, प्रो. विवेक वाजपेयी, प्रो. नीलाद्री दास, डॉ. गिरिजेश कुमार पटेल, डॉ. रोहित आर. शशि, प्रोफेसर प्रांजल चंद्र, डॉ. नरेश शांडिल्य, डॉ. अमरेंद्र  डी. द्विवेदी, डॉ. प्रदीप कुमार समेत कई अन्य शोधकर्ताओं ने अपने शोधपत्र  प्रस्तुत किए । साथ ही इन सभी ने आपसी विचार विमर्श करके वैज्ञानिक शोध को विकसित करने हेतु योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया ।

महाविद्यालय के शिक्षकों में डॉ. कृष्णनन्दन प्रसाद, डॉ. विजय कुमार सिन्हा, डॉ. शशिभूषण चौधरी, डॉ. नवेंदु  शेखर, डॉ. अंजलि प्रसाद, डॉ. नूपुर, डॉ नूतन कुमारी, डॉ. उषा किरण, डॉ. दीपिका कुमारी, डॉ. प्रशांत कुमार, डॉ. मुकुंद कुमार, निशा कुमारी, डॉ. विनय कुमार, डॉ. धर्मराज, डॉ. हेमलता, डॉ. अमृतानशु, डॉ. विनय भूषण कुमार, डॉ. ज्योत्सना कुमारी, डॉ. सानंदा सिन्हा, डॉ. शशि और डॉ. अनिता उपस्थित थे । डॉ. शशि प्रभा दुबे ने सभी शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों द्वारा मिले सहयोग के लिए आभार प्रकट किया ।

सांस्कृतिक कार्यक्रम “साज और आवाज”*

सम्मेलन के दूसरे दिन देर शाम को आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम “साज और आवाज” ने उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया । इस कार्यक्रम में विभिन्न कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और दर्शकों को अपने मधुर संगीत और नृत्य से आकर्षित किया । इस कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. नूपुर ने किया ।

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